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प्रार्थना करने से आपको क्या फायदा होगा – How do you benefit from praying?

प्रार्थना करने से आपको क्या फायदा होगा

कोई भी काम करने से पहले हर इंसान सोचता है, ‘इससे मुझे क्या फायदा होगा?’ क्या प्रार्थना के बारे में भी यह सवाल करना सही है? बिलकुल, क्योंकि हममें से हर कोई यह जानना चाहता है कि प्रार्थना करने से क्या फायदा होगा। सदियों पहले अय्यूब नाम के एक नेक इंसान ने भी पूछा था: “अगर मैं उसे पुकारूँ तो क्या वह मुझे जवाब देगा?”—अय्यूब 9:16, एन.डब्ल्यू.

पिछले लेखों में हमने कुछ सबूतों पर गौर किया था, जो दिखाते हैं कि प्रार्थना सिर्फ एक धार्मिक रस्म या अपना दिल हलका करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि उससे कहीं बढ़कर है। परमेश्वर सच में हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है। अगर हम सही बातों के लिए और परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक प्रार्थना करें, तो वह हमारी ज़रूर सुनेगा। और वह खुद यह चाहता है कि हम उसके करीब आएँ। (याकूब 4:8) अगर हम हर रोज़ प्रार्थना करें, तो हमें क्या फायदा होगा? आइए प्रार्थना करने से मिलनेवाले कुछ फायदों पर ध्यान दें।

आपको मन की शांति मिलेगी।

जब आपके सामने कोई समस्या या चुनौती आती है, तो क्या आप बहुत चिंता करने लगते हैं? पवित्र शास्त्र हमें बढ़ावा देता है कि ऐसे मौकों पर हमें “लगातार प्रार्थना करते” रहना चाहिए और “अपनी बिनतियाँ परमेश्वर को बताते” रहना चाहिए। (1 थिस्सलुनीकियों 5:17; फिलिप्पियों 4:6) पवित्र शास्त्र हमें यकीन दिलाता है कि अगर हम प्रार्थना करें, तो ‘परमेश्वर की वह शांति जो हमारी समझने की शक्‍ति से कहीं ऊपर है, . . . हमारे दिल के साथ-साथ हमारे दिमाग की सोचने-समझने की ताकत की हिफाज़त करेगी।’ (फिलिप्पियों 4:7) जब हम ईश्वर को अपने दिल की बात बताते हैं, तो हमें राहत मिलती है। और ईश्वर चाहता है कि हम उसे अपनी सारी चिंताएँ बताएँ। पवित्र शास्त्र में लिखा है, “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा।”—भजन 55:22.

“अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा।”—भजन 55:22

दुनिया-भर में लाखों लोगों ने पाया है कि प्रार्थना करने से उन्हें मन की शांति मिली है। इस बारे में दक्षिण कोरिया में रहनेवाली हारिका नाम की एक स्त्री कहती है, “मेरी ज़िंदगी में बहुत-सी मुश्किलें हैं, लेकिन जब मैं इनके बारे में प्रार्थना करती हूँ, तो मेरा मन हलका हो जाता है और मुझे उस मुश्किल का सामना करने की ताकत मिलती है।” फिलिपाईन्स की रहनेवाली सेसीलिया कहती है, “माँ होने के नाते, मुझे हमेशा अपनी बेटियों की चिंता सताती रहती है। मुझे अपनी बीमार माँ की भी चिंता होती है, जो अब मुझे पहचान भी नहीं पातीं। लेकिन प्रार्थना करने से मैं अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हद-से-ज़्यादा चिंता नहीं करती। मैं जानती हूँ कि यहोवा उनकी देखभाल करने में मेरी मदद ज़रूर करेगा।”

मुश्किलों का सामना करते वक्‍त आपको तसल्ली और हिम्मत मिलेगी।

क्या आपको किसी वजह से हद-से-ज़्यादा चिंता हो रही है? क्या आपको कोई जानलेवा बीमारी है या फिर आप किसी हादसे के शिकार हुए हैं? अगर हाँ, तो ‘हर तरह का दिलासा देनेवाले परमेश्वर’ से प्रार्थना करके आपको बहुत सुकून मिल सकता है। पवित्र शास्त्र में लिखा है कि वह “सब दुःख-तकलीफों में हमें दिलासा देता है।” (2 कुरिंथियों 1:3, 4) मिसाल के लिए, एक मौके पर जब यीशु बहुत परेशान था, तो उसने “घुटने टेककर प्रार्थना” की। उसके बाद क्या हुआ? “स्वर्ग से एक दूत उसके सामने प्रकट हुआ और उसकी हिम्मत बँधायी।” (लूका 22:41, 43) पवित्र शास्त्र में नहेमायाह नाम के एक नेक इंसान का भी ज़िक्र किया गया है, जिसे कुछ बुरे लोगों ने ईश्वर का काम करने से रोकने की कोशिश की और उसे धमकी दी। इस पर उसने प्रार्थना की कि हे परमेश्वर मुझे हिम्मत दे। (नहेमायाह 6:9-16) घाना के रहनेवाले रेजिनाल्ड नाम के एक व्यक्‍ति को भी प्रार्थना करने से बहुत मदद मिली। वह बताता है, “जब मैं प्रार्थना करता हूँ, खासकर किसी मुश्किल की घड़ी में, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैंने एक ऐसे व्यक्‍ति को अपनी समस्या के बारे में बताया है, जो मेरी मदद कर सकता है और वह मुझे यकीन दिलाता है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है।” जी हाँ, जब हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, तो हमें तसल्ली मिलती है।

ईश्वर आपको सही फैसला लेने में मदद करेगा।

कुछ फैसले ऐसे होते हैं, जिनका हम पर और हमारे परिवारवालों पर गहरा असर होता है। इस तरह के फैसले लेते वक्‍त, हम सही चुनाव कैसे कर सकते हैं? पवित्र शास्त्र में लिखा है, “अगर तुम में से किसी को बुद्धि की कमी हो [खास तौर से मुश्किलों का सामना करते वक्‍त] तो वह परमेश्वर से माँगता रहे क्योंकि परमेश्वर अपने सभी माँगनेवालों को उदारता से और बिना डाँटे-फटकारे बुद्धि देता है और माँगनेवाले को यह दी जाएगी।” (याकूब 1:5) अगर हम बुद्धि के लिए प्रार्थना करें, तो ईश्वर हमें सही राह दिखाएगा जिससे हम सही फैसले ले सकेंगे। हम ईश्वर से मदद माँगने के लिए उससे प्रार्थना कर सकते हैं, क्योंकि यीशु ने हमें इस बात का यकीन दिलाया था, ‘स्वर्ग में रहनेवाला पिता और भी बढ़कर, अपने माँगनेवालों को पवित्र शक्‍ति देगा!’—लूका 11:13.

एक आदमी प्रार्थना कर रहा है

“मैं यहोवा से लगातार प्रार्थना करता रहा कि वह सही फैसला लेने में मेरी मदद करे।”—घाना का रहनेवाला क्वाबेना

जब यीशु को ज़रूरी फैसले लेने होते थे, तो वह भी अपने पिता से मदद माँगता था। पवित्र शास्त्र में बताया है कि जब उसे अपने 12 शिष्यों को चुनना था, तो वह “सारी रात परमेश्वर से प्रार्थना करता रहा।”—लूका 6:12.

यीशु की तरह, आज बहुत-से लोगों ने सही फैसले लेने के लिए ईश्वर से मदद माँगी है और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का जवाब मिला है। फिलिपाईन्स की रहनेवाली रेजीना बताती है कि उसने बहुत-सी परेशानियों का सामना किया। जैसे, अपने पति की मौत के बाद उसे खुद को और अपने परिवार को सम्भालना पड़ा, उसकी नौकरी छूट गयी और बच्चों की परवरिश करते वक्‍त भी उसने चुनौतियों का सामना किया। किस बात ने उसे सही फैसले लेने में मदद की? वह कहती है, “मैं प्रार्थना करके यहोवा से मदद माँगती हूँ।” अब ज़रा क्वाबेना की बात पर ध्यान दीजिए, जो घाना का रहनेवाला है। वह बताता है कि उसने ईश्वर से मदद क्यों माँगी, “मैं निर्माण का काम करता था और मुझे अच्छी-खासी तनख्वाह मिलती थी। लेकिन फिर मेरी नौकरी छूट गयी।” उसे फैसला लेना था कि अब वह कौन-सी नौकरी करेगा। इस बारे में वह कहता है, “मैं यहोवा से लगातार प्रार्थना करता रहा कि वह सही फैसला लेने में मेरी मदद करे।” फिर वह कहता है, “मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि यहोवा ने मुझे एक ऐसी नौकरी चुनने में मदद की जिससे मैं अब अपनी सभी ज़रूरतों को पूरा कर सकता हूँ और उसके साथ एक मज़बूत रिश्ता भी बनाए रख सकता हूँ।” अगर आपको कोई ऐसा फैसला लेना हो, जिससे ईश्वर के साथ आपकी दोस्ती पर असर पड़ सकता है, तो उससे इस बारे में प्रार्थना कीजिए और वह ज़रूर आपको सही राह दिखाएगा।

प्रार्थना करने से हमें और भी बहुत-से फायदे हो सकते हैं। (इस बारे में और जानने के लिए “ प्रार्थना करने के क्या फायदे हैं?” नाम का बक्स देखिए।) लेकिन अगर आप ये फायदे पाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको ईश्वर को जानना होगा और यह भी जानना होगा कि उसकी मरज़ी क्या है। अगर आप इस बारे में जानना चाहते हैं, तो हम आपको बढ़ावा देते हैं कि आप यहोवा के साक्षियों से इस बारे में बात कीजिए। * “प्रार्थना के सुननेवाले” परमेश्वर के साथ दोस्ती करने के लिए यह आपका पहला कदम होगा।—भजन 65:2. ▪ (w15-E 10/01)

प्रार्थना करने के क्या फायदे हैं?

हमें मन की शांति मिलती है “किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो, मगर हर बात में प्रार्थना और मिन्नतों और धन्यवाद के साथ अपनी बिनतियाँ परमेश्वर को बताते रहो। और परमेश्वर की वह शांति जो हमारी समझने की शक्‍ति से कहीं ऊपर है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल के साथ-साथ तुम्हारे दिमाग की सोचने-समझने की ताकत की हिफाज़त करेगी।”—फिलिप्पियों 4:6, 7.

परेशानियों के दौर में हमें तसल्ली मिलती है “हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर और पिता धन्य हो। वह कोमल दया का पिता है और हर तरह का दिलासा देनेवाला परमेश्वर है। वह हमारी सब दुःख-तकलीफों में हमें दिलासा देता है।”—2 कुरिंथियों 1:3, 4.

हम सही फैसले ले पाते हैं “अगर तुम में से किसी को बुद्धि की कमी हो तो वह परमेश्वर से माँगता रहे क्योंकि परमेश्वर अपने सभी माँगनेवालों को उदारता से और बिना डाँटे-फटकारे बुद्धि देता है और माँगनेवाले को यह दी जाएगी।”—याकूब 1:5.

हमें गलत कामों को ठुकराने की हिम्मत मिलती है “प्रार्थना में लगे रहो ताकि तुम परीक्षा में न पड़ो।”—लूका 22:40.

हमें गलतियों की माफी मिलती है “तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूँगा।”—2 इतिहास 7:14.

हम दूसरों की मदद कर पाते हैं “जब नेक इंसान प्रार्थना में मिन्नतें करता है और जब ये प्रार्थनाएँ सुनी जाती हैं, तो उनका ज़बरदस्त असर हो सकता है।”—याकूब 5:16.

जब प्रार्थनाओं का जवाब मिलता है, तो हमारा हौसला बढ़ता है “यहोवा ने उससे [सुलैमान से] कहा, ‘जो प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ तू ने मुझ से की है, उसको मैं ने सुना है।’”—1 राजा 9:3.

How do you benefit from praying?

Before doing any work, everyone thinks, ‘How will it benefit me?’ Is it correct to ask this question about prayer as well? Absolutely, because each one of us wants to know the benefits of praying. Centuries ago, a righteous man named Job asked: “If I call on him, will he answer me?”—Job 9:16,
In previous articles, we have considered some evidence showing that prayer is not just a religious ritual or a way to ease one’s heart, but is much more than that. God really hears our prayers. If we pray for what is right and according to God’s will, he will surely listen to us. And he himself wants us to come closer to him. (James 4:8) How will we benefit if we pray every day? Let us consider some of the benefits of praying.

You will get peace of mind.
When you are faced with a problem or challenge, do you worry a lot? Scripture encourages us to “pray incessantly” on such occasions and to “reveal our supplications to God.” (1 Thessalonians 5:17; Philippians 4:6) The Scriptures assure us that if we pray, ‘the peace of God that exceeds our understanding …
It will protect our hearts as well as the discerning power of our minds.’ (Philippians 4:7) When we tell God what is in our hearts, we are relieved. And God wants us to tell him all our worries. The Scriptures read: “Throw your burden upon Jehovah, he will sustain you.”—Psalm 55:22.

 

Millions of people around the world have found that praying has brought them peace of mind. Regarding this, a woman named Harika, who lives in South Korea, says, “There are many difficulties in my life, but when I pray about them,So my mind becomes lighter and I get strength to face that difficulty. Says Cecilia, who lives in the Philippines, “As a mother, I am always worried about my daughters. I also worry about my sick mother, who doesn’t even recognize me anymore. But by praying, I don’t worry too much in my daily life. I know that Jehovah will certainly help me take care of them.”

You will find peace and courage in the face of difficulties.
Are you worrying excessively for some reason? Do you have any fatal disease or have you been a victim of some accident? If so, you can find great comfort in praying to “the God of all comfort.” It is written in the Scriptures that he “comforts us in every affliction.” (2 Corinthians 1:3, 4)encountered. What helped him make the right decisions? “I pray for Jehovah’s help,” she says. Now consider the case of Kwabena, who is from Ghana. He explains why he sought God’s help, “I used to do construction work and I was well-paid. But then I lost my job.” he had to decide that now he
Which job will you do? In this regard, he says, “I kept on praying to Jehovah to help me make the right decision.” He then says, “I am quite sure that Jehovah helped me choose a job that would now meet all my needs and maintain a strong relationship with her.” If you have to make a decision that may affect your friendship with God, then pray to Him about it and He will surely guide you on the right path.

There are many other benefits we can get from praying. (See the box “What are the Benefits of Praying?” for more information.) But if you want to receive these benefits, you must first know God and what His will is. . If you would like to know about it, we encourage you to talk to Jehovah’s Witnesses about it. * This will be your first step in making friends with the “Hearer of prayer.”—Psalm 65:2.

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