मरकुस 10:13 -16 फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उन को डांटा। 14 यीशु ने यह देख क्रुध होकर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है। 15 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाईं ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा l16 और उस ने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी॥*
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1 क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा। भजन संहिता 41:1
2 यहोवा उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़।
भजन संहिता 41:2
3 जब वह व्याधि के मारे सेज पर पड़ा हो, तब यहोवा उसे सम्भालेगा; तू रोग में उसके पूरे बिछौने को उलटकर ठीक करेगा॥ भजन संहिता 41:3
Prophet ji had dinner with orphans and poor children and provided biscuits, food, clothes, shoes and things according to their needs.
Mark 10:13 -16 Then the people began to bring the children to him, that he should lay their hands on them, but the disciples rebuked them. 14 When Jesus saw this, he was furious and said to them, “Let the children come to me and do not forbid them, for such is the kingdom of God.” 15 Truly I say to you, whoever does not receive the kingdom of God like a child will never enter it.16 And he took them in his arms and blessed them by laying his hands on them.
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